दैनिक रेवांचल टाइम्स पन्ना पवई
पवई नगर परिषद में लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक अस्थिरता और विकास के ठहराव को अब शायद नया रास्ता मिल सकता है। लगभग दो वर्षों की खींचतान, संघर्ष और नेतृत्व की अनबन के बाद अब नगर परिषद की कमान विनीत नगाइच को सौंप दी गई है, जो लंबे समय से इसी परिषद में लेखपाल पद पर कार्यरत रहे हैं और पूर्व में कई बार प्रभारी सीएमओ की भूमिका भी निभा चुके हैं।
पूर्व सीएमओ अरुण श्रीवास्तव और हाल ही में स्थानांतरित सीएमओ तबस्सुम बेगम के कार्यकाल के दौरान परिषद अध्यक्ष से सामंजस्य की भारी कमी रही। इसका खामियाजा सीधे तौर पर आम जनता को भुगतना पड़ा। मूलतः पवई निवासी विनीत नगाइच नगर की समस्याओं, जनता की अपेक्षाओं और विभागीय जटिलताओं से भली-भांति परिचित हैं।
अब जब उन्हें प्रभारी सीएमओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी — नगर की बिगड़ी व्यवस्था को सुधारना और नागरिकों का भरोसा पुनः अर्जित करनl
प्रमुख चुनौतियाँ जो करेंगी अग्निपरीक्षा जैसी भूमिका:
- अंदरूनी ट्रैफिक अव्यवस्था मुख्य मार्गों पर अवैध वाहन पार्किंग, रेत-गिट्टी का अतिक्रमण।
- सड़क और जल व्यवस्था: जल आवर्धन योजना के चलते टूटी सड़कों की हालत बदहाल, जगह-जगह पाइप लाइन लीकेज।
- नालियों की सफाई और जल निकासी छतों से बहता पानी सीधे मुख्य मार्गों पर, नालियां जाम और गंदगी से लबालब।
- शासन योजनाओं का भ्रष्ट क्रियान्वयन नामांतरण, भवन अनुज्ञा, मकान निर्माण, आदि कार्यों में हितग्राहियों को टेबल-टू-टेबल भटकाया जाना।
- नगर परिषद के कुछ अस्थायी कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत से की जा रही मनमानी– जो नगर की छवि खराब कर रही है।
जन अपेक्षाएं और जिम्मेदारी का दबाव
नगरवासियों को विनीत नगाइच से उम्मीद है कि वह सिर्फ फाइलों पर दस्तखत नहीं करेंगे, बल्कि जमीन पर बदलाव लाने का प्रयास करेंगे। पवई को उसकी गरिमा लौटाने के लिए अब जरूरी है कि वह नवाचार, पारदर्शिता, और जनसुनवाई को अपनी कार्यशैली में शामिल करें।
पिछले दो वर्षों की अफसरशाही खींचतान से ऊब चुकी जनता अबपरिणाम चाहती है, प्रक्रिया नहीं। ऐसे में विनीत नगाइच के लिए यह मौका है खुद को एक मजबूत, निर्णायक और दूरदर्शी प्रशासक के रूप में स्थापित करने का।