प्रेरक उद्धरण: जिसने श्री कृष्ण की ये 8 बातें समझ लीं, उसका जीवन कभी डगमगाएगा नहीं!
Motivational Quotes | प्रेरक उद्धरण: महाभारत युद्ध से पहले श्री कृष्ण ने अर्जुन से जो 8 बातें कहीं, वे आज के जीवन में असफलता, क्रोध और भय को मिटाने की कुंजी हैं। जानिए वो गहरे रहस्य जो जीवन को दिशा देते हैं।
अर्जुन भी महाभारत के युद्ध के मैदान में ऐसे ही खड़े थे, टूटे हुए, भ्रमित, डरे हुए और फिर श्री कृष्ण ने जो कहा…वो सिर्फ़ एक योद्धा के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए था जो जीवन से संघर्ष कर रहा है।
इन 8 शिक्षाओं में सिर्फ़ धर्म नहीं, बल्कि जीवन का गणित है। जिसने इसे समझ लिया…उसका भय, असफलता, क्रोध और भ्रम सब शांत हो गया।
Motivational Quotes क्रोध आपको नष्ट कर देगा
भगवद गीता 2.63 के अनुसार क्रोध भ्रम पैदा करता है, भ्रम स्मृति को नष्ट करता है, स्मृति के बिना बुद्धि खो जाती है…और बुद्धि के बिना व्यक्ति नष्ट हो जाता है। दरअसल, क्रोध आपको उस बिंदु पर ले जा सकता है, जहां सब कुछ खो जाता है, रिश्ते, करियर और आत्मसम्मान।
मन पर विजय पा ली तो सब कुछ जीत लिया
गीता श्लोक 6.6 के अनुसार जिसने मन पर विजय पा ली, उसके लिए मन मित्र है, अन्यथा शत्रु। जो अपनी इच्छाओं, भय, निराशा और लोभ पर नियंत्रण कर लेता है, उसे कोई शक्ति परास्त नहीं कर सकती।
- जब मूर्ख बोलने लगे, बुद्धिमान चुप हो जाए, तो विनाश निकट है
आज सोशल मीडिया से लेकर घर-दफ्तर तक सबसे ज्यादा नुकसान गलत बात बोलने या गलत समय पर चुप रहने से होता है। - ज्ञान मन की सबसे बड़ी औषधि है
जैसे पानी आग को शांत करता है, वैसे ही ज्ञान क्रोध और चिंता को शांत करता है। ध्यान, पठन-पाठन, मौन, ये आज के लाइफ हैक्स नहीं हैं, ये श्री कृष्ण का मूल ज्ञान है। - क्रोध को दबाने से बेहतर है कि उसे संयम से व्यक्त किया जाए
जो चीज अंदर ही अंदर सुलगती रहती है, वो धीरे-धीरे आपको बीमार, विस्फोटक और असंतुलित बनाती है। - नरक के 3 द्वार, काम, क्रोध, लोभ
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस्थथा लोभस्तस्मादितत्रयं त्यजेत्। (गीता 16.21), जो इन तीनों पर नियंत्रण नहीं कर सका, वह अपना सबसे बड़ा शत्रु बन गया। - कर्म रुक जाए तो भाग्य भी रुक जाता है
जो कहता है कि अब भाग्य ही बुरा है, वह भूल गया है कि भाग्य कर्म से बनता है। - मनुष्य की आशा कभी पूरी नहीं होती
करोड़पति भी अधिक चाहता है, प्रसिद्ध व्यक्ति भी अधिक चाहता है।
यदि आप आज संतोष नहीं सीखते, तो आप कभी खुश नहीं रह सकते।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन
यह केवल गीता की एक पंक्ति नहीं है, यह आधुनिक उत्पादकता का मूल सूत्र है – परिणाम के प्रति आसक्ति के बिना कर्म से चिंता से मुक्ति संभव है।
इसे वास्तविक जीवन में लागू करें
जीवन क्षेत्र – भगवान कृष्ण की शिक्षाएँ
करियर में अनिश्चितता – अपना काम करो, परिणाम की चिंता मत करो
रिश्तों में झगड़े – अपने गुस्से पर काबू रखो, धैर्य रखो
खुद से लड़ो – अपने मन को जीतो, यही असली जीत है
लक्ष्य में बाधा – कर्म से ही भाग्य बनता है
सामान्य प्रश्न
प्रश्न. क्या इन विचारों का उपयोग आज के जीवन में भी किया जा सकता है?
हाँ. ये विचार आज के मानसिक तनाव, रिश्तों में उलझन और निर्णयों की अस्थिरता में स्पष्ट मार्गदर्शन देते हैं.
प्रश्न. क्या ये केवल धार्मिक हैं या वैज्ञानिक भी हैं?
इनका आधार धर्म है, लेकिन आज की कोचिंग प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य में इनकी मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक प्रासंगिकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.