“शासन की ज़मीन पर चल रही लूट – भू-माफिया मस्त, प्रशासन पस्त!” “सीलिंग एक्ट की खुलेआम धज्जियां – किसके संरक्षण में फल-फूल रहा माफिया राज?” “सरकारी ज़मीन पर बुनियादें खड़ी, जिम्मेदारी औंधे मुंह गिरी!”
सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा, प्लॉटिंग और निर्माण-
सहमति’ या मिलीभगत?
दैनिक रेवांचल टाइम्स जबलपुर
क्या जबलपुर में सरकारी ज़मीन पर कब्जा अब ‘सिस्टम की जानकारी में रहकर’ किया जा रहा है?
क्या ज़मीन माफिया और जिम्मेदार अधिकारी आपस में मिलीभगत कर जनता को लूटने का मंच बना चुके हैं?
वार्ड नंबर 77 सुभाष नगर, जबलपुर में खसरा नंबर 88/1 की भूमि — जो कि स्पष्ट रूप से सीलिंग एक्ट के तहत शासन के अधीन है — पर बेधड़क प्लॉटिंग और निर्माण कार्य चल रहा है। यह पूरी जमीन अवैध निर्माण की गिरफ्त में है और प्रशासन ‘जानकर भी अनजान’ बना हुआ है।
कैसे हो रहा बड़ा खेल?
स्थानीय निवासी अवदेश पटेल ने बाकायदा कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दी है कि इस जमीन पर रिंकू निषाद और उनके साथियों द्वारा अवैध रूप से फ्लैट और प्लॉट्स बेचे जा रहे हैं। शिकायत पर तहसील कार्यालय से जो जवाब आया वह चौंकाने वाला है – “भूमि अब भी शासन की है, उसका कोई वैध विक्रय नहीं हुआ है।”

फिर सवाल यह है कि:
अगर जमीन शासन की है, तो निर्माण कैसे चल रहा है? किसकी अनुमति से ईंट, बालू, सरिया और कॉलम खड़े किए जा रहे हैं?
प्रशासन और नगर निगम की आंखें क्यों मूंद ली गई हैं?

ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा:
निर्माण स्थल पर भारी मात्रा में ईंट, गिट्टी, रेत और सरिया पड़ा मिला
कॉलम के लिए बेस बन चुके हैं, दीवारों की नींव डाली जा चुकी है
चारों तरफ झाड़ियाँ और गंदगी, लेकिन बीच में सीधा फ्लैटों का ढांचा तैयार किया जा रहा है
किसी भी वैध अनुमति या नक्शे की जानकारी मौजूद नहीं

प्रमुख सवाल:
क्या सरकारी ज़मीन पर कब्जा सिर्फ “रिश्तों” के दम पर संभव है?
क्या गरीब आदमी की झुग्गी गिराने वाले अधिकारी इन माफियाओं पर चुप हैं?
क्या जब तक कोई बड़ा घोटाला उजागर न हो जाए, प्रशासन कार्रवाई नहीं करेगा?

शिकायतकर्ता अवदेश पटेल का स्पष्ट आरोप:
“यह पूरी जमीन शासन की है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो ये भू-माफिया सैकड़ों लोगों को ठग कर करोड़ों का घोटाला कर देंगे। प्रशासन जानबूझकर आंख मूंदे है।”
साइट की वास्तविक तस्वीरें इस घोटाले की पुष्टि करती हैं
(तस्वीरों में दिखता है – बिना नक्शा स्वीकृति, बिना सरकारी बोर्ड, खुलेआम नींव और निर्माण)