जबलपुर के नामी डॉक्टरों का “ब्लैक क्लीनिक नेटवर्क’बिना लाइसेंस वाले पैथोलॉजी, फार्मेसी, एक्स-रे सेंटर! न बिल, न रजिस्ट्रेशन, न रिकॉर्ड : प्राइवेट डॉक्टरों की मनमानी चरम पर, स्वास्थ्य विभाग मौन!
जबलपुर के अनेक प्राइवेट क्लिनिक, अस्पताल और नामी डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे पैथोलॉजी लैब, एक्स-रे यूनिट और फार्मेसी आज भी बिना किसी वैध लाइसेंस, पंजीयन या परमिशन के खुलेआम संचालित हो रहे हैं। न तो मरीज को कोई पर्ची दी जा रही है, न ही दवाइयों का बिल, और ना ही किसी जांच का रिकॉर्ड रखा जा रहा है।
यह सब कुछ एक मजबूत मिलीभगत के तहत हो रहा है—जहाँ डॉक्टर, स्वास्थ्य अधिकारी और विभाग के जिम्मेदार लोग मूकदर्शक बने बैठे हैं।
सुनियोजित काले कारोबार की परतें
बिना लाइसेंस के पैथोलॉजी लैब
न एम.पी. पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन न लैब टेक्नीशियन प्रमाणित जांच की कोई रिपोर्ट मान्यता प्राप्त नहीं, न कोई निरीक्षण, न सैंपल हैंडलिंग का मानक
फार्मेसी : बिना बिल के दवाएं
ओपीडी मरीजों को बिना GST बिल दवाएं दी जा रही हैं,मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं, मरीज ठगा जा रहा है,स्टॉक की कोई मॉनिटरिंग नहीं – नकली दवाएं तक की संभावना

बिना NOC के चालू एक्स-रे और CT स्कैन मशीनें
रेडिएशन सुरक्षा प्रमाणन (AERB) नहीं,रिपोर्ट्स सादे कागज पर, कोई डिजिटल रिकॉर्ड नहीं, टेक्नीशियन के पास कोई प्रमाण पत्र नहीं
कानून और नियमों का खुला उल्लंघन
विभाग / अधिनियम नियम / प्रावधान उल्लंघन की स्थिति
क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 2010 सभी चिकित्सा संस्थानों का पंजीयन अनिवार्य बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे सेंटर
फार्मेसी एक्ट, 1948 लाइसेंसधारी फार्मासिस्ट ही दवाएं बेच सकता है मेडिकल स्टोर बिना लाइसेंस
आयकर व GST अधिनियम दवा व सेवाओं पर बिलिंग अनिवार्य बिना बिल, नकद लेनदेन
AERB (Radiation Protection) रेडिएशन मशीनों का लाइसेंस अनिवार्य बिना सुरक्षा परमिट CT स्कैन / X-Ray
CEA 2012 (MP Rule) प्रयोगशाला संचालन हेतु टेक्नीशियन और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बिना प्रमाणन कार्यरत लैब टेक्नीशियन
डॉक्टरों की मनमानी और अधिकारियों की चुप्पी
जांच में पता चला कि बड़े नाम वाले डॉक्टरों के निजी क्लीनिकों में किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन बोर्ड तक नहीं लगा है।
मरीजों को कोई पर्ची या पर्चा नहीं दिया जाता।
स्वास्थ्य विभाग के CMHO लगातार शिकायतों के बाद भी कोई निरीक्षण नहीं करते।
सब कुछ “सेटिंग और कमीशन के खेल” के तहत चलता है।

जनता में आक्रोश – क्या मिलकर चल रहा है मेडिकल माफिया?
“बिना पर्ची के एक्स-रे, बिना टेक्नीशियन की लैब… यह स्वास्थ्य सेवा नहीं, धोखा है!”
— स्थानीय निवासी, गोहलपुर
“शिकायत करने पर कार्रवाई की बजाय मरीजों को ही घुमा दिया जाता है।”
— पीड़ित मरीज परिवार
हमारी मांगें और सुझाव
CMHO जबलपुर द्वारा सभी प्राइवेट क्लीनिकों का ऑडिट एवं निरीक्षण करवाया जाए।
बिना रजिस्ट्रेशन चल रही लैब व फार्मेसी पर तत्काल कार्रवाई हो।
मरीजों को बिल अनिवार्य रूप से देना सुनिश्चित किया जाए।
दोषी डॉक्टरों की प्रैक्टिस लाइसेंस निलंबित किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग के दोषी अधिकारियों पर प्रशासनिक कार्यवाही हो।
रेवांचल टाइम्स की जाँच टीम ने दर्ज किए साक्ष्य
हमारी टीम के पास वीडियो, ऑडियो और बिल-रहित दवाओं के प्रमाण मौजूद हैं। यह रिपोर्ट जबलपुर प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, राज्य चिकित्सा परिषद और माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जा रही है।
समाप्ति नहीं – शुरुआत है यह पर्दाफाश की
यदि आपने भी ऐसे किसी अवैध मेडिकल सेंटर, क्लीनिक या जांच केंद्र से ठगी झेली है, तो हमें सूचित करें। आपकी आवाज़ को हम प्रशासन तक पहुँचाएंगे।