जिले के वैध अबैध झोलाछाप डॉक्टरो पर स्वास्थ्य विभाग राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की सँयुक्त टीम कि कार्यवाही डिस्पेंसरी की सील
रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले के कलेक्टर के आदेश में एवं नए मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर डी जे मोहंती के निर्देशन में जाँच टीम गठित की गई है जो जिले के क़स्बों नगर और गाँव गाँव मे बैठ कर अपनी डिस्पेंसरी किलीनिक झोलाछाप ड्राक्टर चला रहे हैं जिसको लेकर जिला एवं स्वास्थ्य विभाग ने जाँच हेतु टीम गठित की गई जिसमें तहसीलदार, स्थानीय पुलिस स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और जिले मुख्यालय से अधिकारी सहित टीम गठित की गई जो कि प्राप्त शिकायत के साथ साथ जो संदिग्ध बिना रजिस्ट्रेशन या जिनका रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है
या जिनका रजिस्ट्रेशन आयुर्वेद और अन्य पध्दति से रजिस्ट्रेशन करवा कर ऐलोपैथिक से ईलाज कर रहें उन झोलाछाप ड्राक्टरो कि जाँच की जा रही है जिन झोलाछाप डॉक्टर के पास अवश्य दस्तावेज नही उनकी दुकान सील की जा रही हैं और जिनके है या कुछ कमी है तो उन्हें चेतवानी देकर छोड़ दिया जा रहा हैं।

वही जानकारी के अनुसार जिले से गठित टीम और स्थानीय प्रशासन की मदद से थाना वीजादांडी सहित उदयपुर, कालपी अन्य जगहों पर जाँच टीम ने चैक कर कार्यवाही की गई जहां पर उदयपुर में डॉक्टर सुजीत अधिकारी एस बी आई बैंक के सामने उदयपुर में संचालित डिस्पेंसरी को जाँच टीम ने कार्यवाही करते हुए सील किया गया साथ ही उदयपुर में संचालित डिस्पेंसरी डॉक्टर अमित सोलिखिया जिसकी डिस्पेंसरी का रजिस्ट्रेशन की अवधि समाप्त हो चुकी जिसे टीम ने डॉक्टर को चेतावनी दिया गया
और कहा कि जल्द से जल्द नियामुनार रजिस्ट्रेशन करवा लें नही तो डिस्पेंसरी बन्द करवा दी जाऐगी वही कालपी में संचालित किलीनिक डॉ के एस विश्वास की किलीनिक को जाँच के दौरान कमियां पाई गई जिसे टीम ने सील की कार्यवाही की एंव बीजाडांडी के मेन रोड पर संचालित डिस्पेंसरी डॉक्टर धनेन्द्र कुमार सोनी की डिस्पेंसरी को भी जाँच टीम के द्वारा सील कर दी गई और वीजाडण्डी में ही संचालित डिस्पेंसरी डॉक्टर आशीष श्रीपाल की डिस्पेंसरी को भी जाँच टीम ने सील की कार्यवाही की गईं हैं।
वही मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डी जे मोहन्ती की इस कार्यावाही से जिले के कस्बो और गाँवो में बैठे अबैध तरीके से संचालित झोलाछाप ड्राक्टरो में हड़कंप मचा हुआ हैं अब अबैध और बिना रजिस्ट्रेशन या जिस पद्धति से लाइसेंस लेकर एलोपैथी से संचालित डिस्पेंसरी संचालको पर भय का माहौल बना हुआ हैं।