लाखों रुपए का स्टाप डेम हुआ स्वाहा जिम्मेदार अधिकारियों ने बदले अपने सुर पहले दिया जाँच का अस्वाशन
लाखों की लागत से बना स्टांप डेम एक साल में ही खोल दी भ्रष्टाचार की पोल हुआ क्षतिग्रस्त, ग्रामीणों में आक्रोश…
दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला, जिले में कितना भ्रष्टाचार है ये आज किसी से छिपा नही है ग्राम पंचायत से लेकर जिला मुख्यालय में गज़ब का भ्रष्टाचार है और भ्रष्ट अधिकारियों ने तो इस ओर देखना और न सुनने की कसम खा रखी है जैसे ही कोई सरकारी योजनाओं में सरकारी राशि के बंदरबाट की खबर समाचारों में प्रकाशित होती वैसे ही जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयो के चेहरे खिल उठते है कि अब जाँच करने का मौका मिल जाएगा और जब उनसे पूछा जाता है तो वही रटा रटाया जबाब की मामला संज्ञान में आया है दिखावा लेते है जाँच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जायेगी फिर इसके बाद होता है जाँच के नाम पर खुला भ्रष्टाचार और लूट सको तो लूट लो कि तर्ज में होती है जाँच, सरकारी योजनाओं में ग्रामीण अँचलों में कितना निर्माण हुआ कितना काम हुआ ये तो पता जांच पर पता लोगो को चल ही नही सका और जाँच होते होते अधिकारियों कर्मचारियों के रुख और बोलचाल भी बदल जाते है पहले जाच की बात की जाती है फिर उन भ्रस्टो को अपनी पनाहगार में लेकर उनके पक्ष की बात की जाती हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास खंड मोहगांव में निर्माण के नाम पर अजब गजब भ्रष्टाचार किया जा रहा जहा पर गुणवत्ता खुद अपनी कमियां चीख चीख कर बता रही पर सुनेगा कौन क्योंकि जिन्हें सुनना है उनकी आँखों के आगे नोटों की चमक के कारण सब दिखना बन्द हो चुका हैं, मोहगांव की ग्राम पंचायत पिपारिया रैयत में पदस्थ सचिव कैलाश साहू के कारनामे किसी से छुपे नही है और वह सरकारी पैसा का किस कदर उपयोग किन किन लिए किया जाता है आज मोहगांव सहित पुरा जिला वाकिफ हैं, ये जिन जिन ग्राम पंचायतों में रहे है उन ग्राम पंचायतों की काया कल्प हो चुकी है और लोगो को तो अब मुलभूत सुविधाएं के लिए तरसना नही पड़ रहा हैं क्योंकि इनके ऊपर बड़े बड़े अधिकारियों का संरक्षण है और नेता तो इनके आगे पीछे ही घूमते है आज पूरे ग्राम में इनके कार्यो की जँचचर्चा बनी हुई है।
वही ग्राम छपरा टोला में किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर छपरा टोला में विगत वर्ष स्टांप डेम का निर्माण किया गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि महज साल भर के भीतर ही लाखों रुपए से बनाया गया स्टॉप डेम छातीग्रस्त हो गया, जिससे न केवल सरकारी धन की बर्बादी हुई है, बल्कि स्थानीय किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जिस बात को लेकर के ग्रामीणों में भारी जनाक्रोश हैं, वही स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी पैसों की पंचायत वालों ने बड़े साहबों के साथ मिल कर बर्बादी की हैं।

पहली बारिश में ही बहा स्टाप डेम
पिछले वर्ष निर्माण किया गया स्टॉप डेम एक वर्ष की बारिश भी नहीं झेल पाया और महज कूछ ही महिनें में तास के पत्तों की तरह ढहढहा कर पहली बारिश में ही बह गया जिसमें सरकारी दावो की पोल आसानी से खुल गई।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में जमकर लापरवाही बरती गई। मानक गुणवत्ता का ध्यान बिल्कुल भी नहीं रखा गया और घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। जिस वजह से पहली ही बारिश में डेम की दीवारें दरक गईं, और अत्यधिक पानी रिसने लगा था जिस वजह से पूरा डेम बेकार हो गया है।
, “ग्रामवासियों का कहना है कि हमको बड़ी आस थी कि डेम बनने से सालभर खेतों में पानी मिलेगा, पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध होने से हम छोटे छोटे किसानों के खेत की उपज बढ़ेगी जिससे हम सभी को लाभ होगा। लेकिन ये तो एक साल भी नहीं चला और पूरी तरह से बर्बाद हो गया जिससे अब हमारे खेत सूखे के सूखे ही पड़ें हुए रहते हैं। और सरपंच सचिव से लेकर प्रशासन मौन है।”यह डेम अगर ईमानदारी से बना होता तो सालों तक काम करता, लेकिन भ्रष्टाचार ने सब चौपट कर दिया।”
डेम के बर्बाद हो जाने की वजह से किसानों के खेतों में लगी फसलें चौपट हो गई थी, खेतों में मलमां भर गया था। जिससे किसानों की फसलें नष्ट हो गईं। कुछ किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर बीज डाले थे और अब उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी भरपाई कौन करेगा..??
जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग
ग्रामीणजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस डेम की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये जिससे कि सरकारी पैसों की भरपाई हो सके और पुनः दूसरा स्टॉप डेम का निर्माण करवाया जाए जिससे कि हम किसानों को उसका लाभ मिल सकें। साथ ही निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग भी की जा रही है।
वही प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठना लाजमि बनता हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध मानी जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण के समय शिकायतों के बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसके परिणाम स्वरूप डेम टूट चुका, और जब इस बात की जानकारी अधिकारियों को दी गई तो कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है।

स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मरम्मत कार्य और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जायेगी तो हम जन आंदोलन शुरू करेंगे। साथ ही मीडिया से भी अपील की है कि वे इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएं ताकि दोषियों को सजा मिल सके। वही जब संबंधित अधिकारी से इस सम्बद्ध में बात की गई तो उन्होंने कुछ और ही जवाब फोन के माध्यम से हमको अवगत करवाया गया। जनपद सीईओ साहब ने एक नई कहानी बतलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सड़क के ठेकेदार द्वारा स्टॉप डेम को क्षतिग्रस्त किया गया हैं। जबकि उस जगह पर ऐसी कोई सड़क दूर दूर तक देखने को आसपास नहीं मिलती जहां पर स्टाप डेम तक सड़क पहुंच मार्ग हो अब सवाल यहां यह खड़ा होता हैं कि जहां पर प्रधानमंत्री सड़क हे ही नहीं तो फिर ऐसा कौन सा ठेकदार हे जो स्टाप डेम को क्षति पहुंचा दिया। यह तो आने वाले समय में देखने वाली बात होगी..??
इस संबध में क्या कहते है जिम्मेदार।
मेरे संज्ञान में मामला आया हुआ है और यह है कि प्रधानमंत्री सड़क के ठेकेदार ने स्टॉप डेम को क्षति ग्रस्त कर दिया हैं। जिसका मौखिक आश्वाशन उनके द्वारा हमको मिला है कि जल्द ही सुधार कार्य कर के ठीक कर दिया जायेगा। मैं तुरंत ही संबंधितों को एक लिखित नोटिस जारी कर स्टाप डेम को मरमंत करवाने को कहता हूं।
कृष्ण कांत उईके
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत मोहगांव मंडला
मैं अभी कोई बात नहीं कर सकता न ही इस विषय में जानकारी दे पाऊंगा, मैं आपको कल 12 बजे तक फ़ोन लगाता हूं।
कैलाश साहू
सचिव ग्राम पंचायत पिपरिया
जनपद पंचायत मोहगांव मंडला