रेवांचल टाईम्स – मंडला, मंडला में विकास अजब गजब किया जा रहा हैं और जो विकास लोगों के लिए किया जा रहा हैं वह आज जग उजागर हो रहा है और उस विकास से जनता त्रस्त हो चुकी है, क्योंकि जो विकास कार्य सरकार के द्वारा सरकारी कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा है वह तो जो हो रहा है ठीक है पर विभागीय अधिकारियों का विकास बड़ी ही तेजी से हो रहा हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सालों निर्माणाधीन नेशनल हाईवे तीस स्वीकृति दिनांक आज दिनांक एक दशक का समय गुजर जा चुका है पर वह आज भी कार्य प्रगतिशील है और उस हाईवे के बनते बनते पता नही कितने लोग सड़क दुघर्टना में चलते चलते चल बसे, पर नेशनल हाईवे तीस का कार्य आज भी चल रहा है और पता नही मंडला से जबलपुर जाने वाले कितने और लोग चल बेसेगे तब जाकर यह हाईवे पूर्ण हो पायेगी या नही क्योंकि जैसे ही हाईवे में क्रांकीट सड़क का कार्य पूर्ण हुआ और उसमें गड्ढे हो रहे है फिर उन्हें बन्द डामल से किया जा रहा और उनकी कितनी गुणवत्ता कितनी होनी चाहिए और कितनी है वह पहली बारिश ने ही उनकी पोल खोल कर रख दी है और जो सी सी सड़क को छुपाने के लिए उसके ऊपर डामल लगा दिया था वह अब पहले से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रही हैं। क्योंकि वह अब जगह जगह से उखड़ चुका हैं।

वही मंडला से जबलपुर नेशनल हाईवे 30 पर सफर करना अपनी जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। रोजाना हाईवे में कहीं ना कहीं हादसे हो रहे है, वजह गुणवत्ताविहीन मार्ग निर्माण के साथ हाईवे स्थित फूल सागर में वर्षो पुराना पुल जो लगातार मरम्मत कर कर चालू रखा गया है पर वह कुछ ही समय में हुई मरम्मत कार्य से ज्यादा गड्ढे और सरिया बाहर आ जाती हैं, पुल की जर्जर हालत है। वही दूसरा पुल बबेहा जो कि आये दिन उस पुल से भी गाड़िया नीचे गिर रही है और अब तक न जाने कितने वाहन और उनमें यात्रा कर रहे व्यक्ति नीचे जा गिरे और उनकी असमय जल समाधि हो चुकी है और वही तीसरा पुल नारायणगंज के पास बालई नदी में बने पुल के हालात बद से बत्तर हो चुके है जहाँ विगत बीस दिन पहले ही एक ट्रक नीचे जा गिरा और जल समाधि ले लिया वावजूद इसके उन पुलों में कोई सुधार नही हुआ रेलिग टूटी पड़ी हुई है पुल में बड़े बड़े गड्ढे हो चुके है और सरिया निकल चुके हैं और लोगो को जान लेने के लिए तत्पर नजर आ रही हैं, शायद जिला प्रशासन सहित एम पी आर डी विभाग कुछ बड़ी घटना के इंतजार में बैठी हुई कि कोई बड़ी दुघर्टना घटे फिर नीद से हमे जागे।

वही नेशनल हाइवे तीस में बिछिया से लेकर जबलपुर तक रोजाना किसी न किसी की बलि चढ़ रही है वावजूद इसके न कोई जनप्रतिनिधि नीद से जाग रहे है और न ही जिला प्रशासन और इस मार्ग तो हादसे को आमंत्रण दे ही रहे है, इसके साथ ही मंडला से जबलपुर के बीच बने पुल भी खतरनाक हो गए है। पुल भी जर्जर अवस्था में है, यहां पुलों की रैलिग भी कमजोर हो चुकी है, पुल में भी गड्ढे हो गए है जो हादसे को न्यौता दे रहे है। बालई पुल में भी दुर्घटना होने के बाद भी सुधार कार्य नही कराया गया है जिससे कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
हाईवे में रोड के साथ पुल शामिल नही
मंडला से जबलपुर के बीच नेशनल हाइवे निर्माण की स्वीकृति के दौरान एमपीआरडी ने जो इस्टीमेट बनाया था, उनमे पुराने पुलो को शामिल नही किया था। मंडला से जबलपुर के बीच पांच पुल नहीं बनाए है। जिसके कारण यह पुल जर्जर हो गए है और इसमें विभाग सिर्फ मरम्मत के नाम पर लीपापोती कर रहा है।
यह भी पढ़ें : ग्राम पंचायत डुलहरी में भ्रष्ट सरपंच सचिव उपयंत्री राहुल तेकाम को जनपद पंचायत मेहंदवानी कब तक पालने के झूले में झूलाते रखेगा
बनाये जाए सभी पुल नए
मंडला से जबलपुर के बीच फूलसागर, बबैहा, लालीपुर, बालई और हिंगना पुलो को नही बनाया गया है। इन पुलो में केवल मरम्मत की जा रही है। पुल जर्जर हालात में है। पुलों की दीवार खराब हो गई है। पुल दोनों किनारे के पास सफाई के अभाव में मिट्टी जमी हुई है। पुलों में कई जगह छड़े बाहर आ गई है। समय रहते पुल नए पुल बन जाएंगे तो भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा।
किया गया डामरीकरण भी उखड़ गया
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के एक्सपर्ट ने इस सड़क पर पैनल क्रेक सुधारने की बजाय पूरे मार्ग को अपग्रेड कर डामरीकरण करने की सलाह दी थी । इस सलाह के बाद अब बरेला के आगे डोबी गाँव से मण्डला की सीमा तक पूरे 63 किलोमीटर के दायरे में मार्ग का डामरीकरण किया गया। सीमेण्टेड दरार, वर्क वाले सरफेस में डामरीकरण होने से इसकी राइडिंग क्वॉलिटी सुधारी गई। एमपीआरडीसी के अनुसार इस्को कांबोग्लास ग्रिड मैथड से सुधारा गया। इस बार की बारिश ने सारे किये कराए पर पानी फेर दिया। सड़क में जगह जगह डामरीकरण उखड़ गया है जिससे सड़क में जगह जगह गड्ढे हो गए है। एक बार फिर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। सड़क को शीघ्र सुधारे जाने की मांग की जा रही है।
यह भी पढ़ें : “नशे से दूरी है जरूरी” अभियान के अंतर्गत मंडला पुलिस द्वारा व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित
बिना डिवाइडर, बिना संकेतक! हाइवे बना ‘मौत का सफर’
जिले से गुजर रहे प्रमुख हाइवे पर प्रशासन की घोर लापरवाही अब जानलेवा साबित हो रही है। हाइवे पर न तो डिवाइडर बनाए गए हैं, न ही सड़क पर कोई क्रॉसिंग चिन्ह, न कोई ट्रैफिक संकेतक चिन्ह, जिससे वाहन चालक पूरे हाइवे पर बेलगाम अंदाज में वाहन दौड़ा रहे हैं।हाइवे के दोनों ओर से चलने वाले वाहन आमने-सामने आते हैं, जिससे आमजन के लिए सड़क पार करना किसी जंग जीतने से कम नहीं रह गया है। कई बार वाहन चालकों को यह भी नहीं पता चलता कि वे किस दिशा में हैं, क्योंकि संकेतक नदारद हैं। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि हाइवे पर अविलंब डिवाइडर, ज़ेब्रा क्रॉसिंग और ट्रैफिक संकेतक लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाओं पर रोक लग सके।