दैनिक रेवांचल टाइम्स छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा जिले के अध्यापक-शिक्षकों की लंबे समय से लंबित क्रमोन्नति, एरियर भुगतान और ई-अटेंडेंस जैसी समस्याओं को लेकर आज आजाद अध्यापक शिक्षक संघ (म.प्र.) जिला शाखा छिंदवाड़ा के बैनर तले बड़ी संख्या में शिक्षक एकत्रित हुए और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग में वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को 12 वर्ष और 24 वर्ष की क्रमोन्नति नहीं दी गई है। साथ ही उनका वेतन एरियर भी लंबित पड़ा हुआ है। यह न केवल शिक्षकों के साथ अन्याय है, बल्कि विभागीय लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है।

ज्ञापन में मुख्य मांगे:
- 12 व 24 वर्ष की क्रमोन्नति का शीघ्र लाभ दिया जाए।
- वर्ष 2016 से 2018 तक स्थानांतरण आदेशों पर नियुक्त शिक्षकों की संविलियन तिथि को लेकर भ्रम है, स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं।
- शिक्षकों के समयमान एवं वेतन निर्धारण की त्रुटियों को ठीक किया जाए।
- कई शिक्षकों को छहवें वेतन आयोग का एरियर अभी तक नहीं मिला है।
- वेतन वृद्धि आदेशों को त्रुटिरहित एवं शीघ्र जारी किया जाए।
- ई-अटेंडेंस प्रणाली के स्थान पर पुरानी व्यवस्था लागू की जाए, जिससे शिक्षकों को स्कूल में शिक्षण कार्य बाधित न हो।
- सेवा पुस्तिकाओं में पदोन्नति एवं स्थायीकरण प्रविष्टि सुनिश्चित कराई जाए।
- शिक्षकों की सातवें वेतनमान की वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
- स्थानांतरण में पारदर्शिता और वरिष्ठता के आधार पर स्थानांतरण किए जाएं।
- ऐसे शिक्षकों को जो वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं, उन्हें उचित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
- शिक्षा विभाग में लंबित मामलों का 50 दिनों के भीतर समाधान सुनिश्चित किया जाए।

ज्ञापन सौंपने के दौरान उपस्थित शिक्षकों ने नाराज़गी जताई और कहा कि यदि विभाग शीघ्र समाधान नहीं करता, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। सभी शिक्षकों ने एकजुट होकर अपनी माँगों को रखते हुए कहा कि यह केवल उनका अधिकार नहीं, बल्कि सम्मान और न्याय की लड़ाई है।

ज्ञापन पर प्रमुख हस्ताक्षर करने वालों में राजेश जैन (जिला अध्यक्ष), संदीप यादव (प्रांतीय उपाध्यक्ष), सतीश प्रधान (जिला संयोजक), नीलिमा गायकवाड़, गिरधारी बंदेवर, प्रमोद श्रीवास्तव, विनिता ठाकरे, राकेश पटेल, आर.पी. टेकाम सहित 21 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया।
संगठन की चेतावनी
शिक्षक संघ ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 50 दिनों के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे राज्य स्तरीय आंदोलन करेंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और शिक्षा विभाग की होगी।

“यह सिर्फ एक ज्ञापन नहीं, बल्कि वर्षों से दबे आक्रोश की आवाज़ है। अब शिक्षक और इंतज़ार नहीं करेंगे!” — आजाद अध्यापक शिक्षक संघ