सिंगनपुरी प्राथमिक शाला पर खतरे के साए, जर्जर भवन पर पालकों ने लगाया ताला छत से टपकता पानी, दरकती दीवारें — सिंगनपुरी स्कूल भवन पर ग्रामवासियों की सख्ती
बच्चों की सुरक्षा पर खतरा
रेवांचल टाइम्स – मंडला यू तो शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र से लेकर राज्य सरकार की कई योजनाओं को संचालन किया जा रहा है इन सभी योजनाओं का लाभ हर अंतिम छोर के बच्चों को मिल सके सर्व शिक्षा अभियान सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है जिसका उद्देश्य की कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे ज़िसके लिये घर घर सर्वे कर यह पता लगाया जा रहा है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे पर जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों के स्कूलों भवनों की स्थिति जर्जर हो चुकी है जहां पर स्कूल संचालित हो रहे है लेकिन जिले कई स्कूल भवन अच्छी हालत में होने के बाद उन्हें दुरुस्त कराया गया है भवन मरम्मत के नाम पर सरकारी धन की होली खेली गई है
विकासखंड घुघरी के ग्राम सिंगनपुरी की प्राथमिक शाला का भवन अब बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि उनके जीवन के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। जर्जर हो चुके इस भवन की दीवारें जगह-जगह से दरक चुकी हैं और छत से लगातार बारिश का पानी टपक रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि पानी रोकने के लिए स्कूल की छत पर पन्नियां लगानी पड़ीं। इसके बावजूद बारिश में स्कूल का कमरा गीला हो चुका है
स्कूल में दर्ज बच्चों के पालकों और ग्रामवासियों ने आखिरकार बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल भवन पर ताला जड़ दिया। पालकों का कहना है कि अब वे बच्चों को इस जर्जर भवन में नहीं भेजेंगे, जब तक कोई सुरक्षित वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती।
छत गिरने की आशंका, विभाग बेखबर
वही ग्रामवासियों का कहना है कि यह भवन लगभग 65 साल पुराना है और अब इसकी छत में लगी लकड़ियां सड़ चुकी हैं। खपरे टूटकर गिर रहे हैं। कई बार दीवारों से मलबा गिर रहा है भवन में गड्ढे बन गए हैं, जिनसे हर समय दुर्घटना का डर बना रहता है।

नया भवन कब बनेगा?
वही ग्रामीणों ने बताया कि करीब 20 साल पहले एक अतिरिक्त भवन बनाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन वह भी अधूरा रह गया। उसकी छत भी गिर चुकी है और मलबा आज तक वैसे ही पड़ा हुआ है, जिसमें जंग लगे सरिए और खतरनाक कीड़े-मकोड़े पनप रहे हैं।
पालकों और ग्रामीणों की अपील
पालक संघ और ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द स्कूल के लिए नया भवन स्वीकृत किया जाए ताकि बच्चों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था न की गई तो बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो जाएगी।
पालक महासंघ की चेतावनी
पालक महासंघ के जिलाध्यक्ष पी.डी. खैरवार ने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो पालक और ग्रामीण संयुक्त रूप से आंदोलन करेंगे। प्रशासन को अब बच्चों की जान जोखिम में डालने की लापरवाही बंद करनी होगी।