Thursday, July 17, 2025
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Homeदुनियाबिना मसाले की लीची(litchi) खाएं, जानें सही मात्रा, शोध में खुलासा

बिना मसाले की लीची(litchi) खाएं, जानें सही मात्रा, शोध में खुलासा

बिना मसाले की लीची खाएं, जानें सही मात्रा, शोध में खुलासा

मधुमेह के रोगियों को अक्सर मीठे फलों से परहेज करना पड़ता है, litchi लेकिन क्या लीची वाकई हानिकारक है? हाल ही में हुए शोध में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सही मात्रा में लीची का सेवन न केवल सुरक्षित है, बल्कि फायदेमंद भी हो सकता है। जानिए क्या कहता है विज्ञान

लीची, मीठी, रसीली और गर्मियों का पसंदीदा फल। लेकिन जैसे ही मधुमेह के रोगी की थाली में लीची आती है, परिवार के सदस्य और खुद रोगी चिंतित हो जाते हैं, क्या इससे ब्लड शुगर बढ़ेगा? क्या लीची से इंसुलिन का स्तर बिगड़ सकता है? इन सवालों के कारण कई मधुमेह रोगी इस स्वादिष्ट फल से दूर रहते हैं। लेकिन अब जानकारी को अपडेट करने की जरूरत है।

हाल ही में हुए एक स्वास्थ्य अध्ययन (रेफरी) में खुलासा हुआ है कि लीची को पूरी तरह से डाइट से हटाना जरूरी नहीं है। बल्कि अगर इसकी सही मात्रा और समय का ध्यान रखा जाए, तो यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी एक सेहतमंद विकल्प बन सकता है। लीची में पाए जाने वाले विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और उच्च जल तत्व गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे कि डायबिटीज के मरीज लीची कितनी मात्रा में, किस समय और किन सावधानियों के साथ खा सकते हैं। साथ ही हम जानेंगे कि ताजा मेडिकल रिसर्च क्या कहती है, ताकि आप बिना टेंशन के इस स्वादिष्ट फल का लुत्फ उठा सकें, वो भी हेल्दी तरीके से।

लीची(litchi) में मौजूद पोषक तत्व और उनका असर

न्यूबेला सेंटर फॉर विमेन हेल्थ, नई दिल्ली की निदेशक डॉ. गीता श्रॉफ के अनुसार, लीची न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, कॉपर, पोटैशियम और पानी भरपूर मात्रा में होता है। ये तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। इसमें मौजूद पानी की मात्रा और फैट की मात्रा कम होना डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। हां, चीनी की मात्रा का ध्यान जरूर रखना चाहिए, लेकिन सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि यह शरीर को तरोताजा रखने में मदद करता है।

Eat litchi without spices the right quantity
Eat litchi without spices the right quantity

मधुमेह में लीची को क्यों फायदेमंद माना जाता है

लीची में प्राकृतिक चीनी होती है, लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा नहीं होता, खासकर तब जब इसे सीमित मात्रा में खाया जाए। इसके अलावा यह फल पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है, जो गर्मियों में मधुमेह रोगियों के लिए बहुत जरूरी है। लीची में पॉलीफेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद कर सकते हैं। सही समय और मात्रा में लीची का सेवन न केवल स्वाद को संतुष्ट करता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है।

लीची की सीमित मात्रा: कितनी मात्रा सही है

मधुमेह के रोगियों को लीची खाते समय मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आमतौर पर दिन में 2-3 ताजा लीची खाना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह व्यक्ति की ब्लड शुगर स्थिति और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। कभी भी खाली पेट या बहुत पकी हुई लीची न खाएं, क्योंकि इससे अचानक शुगर बढ़ सकती है। लीची खाने के बाद हल्का टहलना या अन्य कम चीनी वाले फलों के साथ संतुलन बनाकर खाना बेहतर है। यह संतुलन शरीर को ठंडा भी करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखता है।

लीची खाने का सही समय और तरीका

लीची सुबह या दोपहर में खाना सबसे अच्छा है क्योंकि उस समय शरीर का मेटाबॉलिज्म सक्रिय होता है। भारी भोजन के तुरंत बाद इसे खाने से बचें। इसके अलावा, फ्रिज से तुरंत लीची निकालकर खाने की बजाय इसे कुछ देर के लिए कमरे के तापमान पर रखें ताकि शरीर पर इसका ठंडा असर न हो। अगर डायबिटीज के मरीज लीची को किसी दूसरी फाइबर युक्त चीज जैसे छोले या दही के साथ खाते हैं तो ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा कम हो जाता है। इस तरह के छोटे-छोटे बदलाव लीची को हेल्दी स्नैक बना सकते हैं।

किस स्थिति में लीची (litchi)खाने से बचना चाहिए

अगर आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत अनियंत्रित रहता है या आप पहले से ही बहुत मीठे फल खा रहे हैं तो लीची से परहेज करना ही बेहतर होगा। इसके अलावा बच्चों और बुजुर्गों में लीची का ज्यादा सेवन कई बार हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है। जिन लोगों को लीची से एलर्जी है या पाचन संबंधी समस्या है उन्हें भी इससे दूर रहना चाहिए। याद रखें, कोई भी फल तभी फायदेमंद होता है जब उसका सेवन आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार और डॉक्टर की सलाह पर किया जाए।

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