दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला भी अजब है पर गजब हैं यहां पर जिस विभाग को जो जिम्मेदारी सौंपी जाती हैं और अधिकारी कर्मचारी को जिस काम के लिए पदस्त किया जाता हैं, वह अपने कार्य पर नदारद नजर आता है इसी प्रकार की कार्यप्रणाली जिला परिवहन विभाग की नजर आ रही जहाँ पर जिले की सड़कों में ओवर लोड डंफर, बस और ट्रेक्टरों आतंक मचाया हुआ पर ये परिवहन विभाग को नजर आता और न ही पुलिस विभाग क्योंकि इसके पीछे की वजय हप्ता और महीना का भी हो सकता है।

वहो दूसरी ओर जिले का परिवहन विभाग कभी- कभी जागरूकता दिखा कर चलानी कार्यवाही कर अपनी इति श्री कर लेता हैं। तो एक तरफ वही पुलिस विभाग अपने अपने थाना क्षेत्रों में आम जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए होती हैं, परन्तु टाइम बेटाइम चालानी कार्यवाही कर आमजनता को परेशान करने में पुलिस विभाग भी पीछे नहीं हटती। जिले में ऐसे बहुत से थाने हैं जहां पर टाइम बेटाइम जांच के नाम पर अवैध वसूली करने से पीछे नहीं हटते कभी हेलमेट के नाम पर तो कभी पीयूसी और सीटबेल्ट की जांच के नाम पर अवैध वसूली करते हुए नजर आती हैं।

एक ओर जहां सरकार सड़क सुरक्षा अभियान के नाम पर सड़क सुरक्षा पखवाड़ा चलाया जाता हैं और आमजनता को जागरूक करने का काम किया जाता हैं। वही जिले में सड़क किनारे पुलिस विभाग के द्वारा कही पर भी कभी भी जांच के नाम पर रोड जाम करने का काम किया जाता हैं। इस स्थिति में रोड जाम होने के कारण एक्सीडेंट होने की पूरी संभावनाएं बनी रहती हैं। तो एक ओर पुलिस विभाग द्वारा दो पहिया वाहनों की छोटे मोटी चालानी कार्यवाही कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती हैं। तो एक तरफ़ सड़कों पर ओवर लोड वाहन बेझिझक और बेधड़क पुलिस विभाग की चालानी कार्यवाही के दौरान पुलिस के नजरों के सामने से बड़ी आसानी से निकल जाते हैं। जिससे कि आमजनता के मुंह से एक ही शब्द निकलता हैं कि ये नियम ओर कानून सिर्फ हम जैसे छोटे मोटे आदमियों के लिए होते हैं न कि बड़े पैसों वालों के लिए। अब सवाल यह खड़ा होता हैं कि चालानी कार्यवाही या अन्य नियम और कानून आमजनता के लिए बस होते हैं तो क्या फिर बड़े पैसो वाले के लिए भी…??